Home अवर्गीकृत अब ‘असली’ और ‘नकली’ ड्रग्स को पहचानना होगा ‘आसन’, जानें कैसे…

अब ‘असली’ और ‘नकली’ ड्रग्स को पहचानना होगा ‘आसन’, जानें कैसे…

0

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मेडिसिन में इस्तेमाल होने वाले एक्टिव फ़ार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (API) पर क्यूआर (QR) कोड लगाना अनिवार्य कर दिया है. सरकार ने API और QR कोड लगाने संबंधी नियम को 8 सितंबर से लागू करना अनिवार्य किया है. इससे नकली और असली दवाओं की जांच करना आसान हो जाएगा. इसके अलावा फार्मास्युटिकल कंपनी को भी ट्रैक किया जा सकता है.

API का अर्थ है एक्टिव फ़ार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स. यह इंटरमीडिएट्स, टैबलेट, कैप्सूल और सिरप में होता है. मुख्य रूप से यह कच्चा माल या रॉ मटेरियल होता है. API किसी भी दवा कंपनी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इस वजह से भारतीय कंपनियां API के लिए चीन पर आश्रित हैं.

इस बाबत केंद्र सरकार द्वारा नोटिस जारी किया गया है. QR कोड के माध्यम से निर्माता और बैच नंबर की आवश्यकता होगी. इससे मेडिसिन की एक्सपायरी और इंपोर्ट की जानकारी मिल सकेगी. भारत हर साल 13,000 करोड़ रुपये का API आयात करता है.

ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड द्वारा जून में ही प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. अमेरिका की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया था कि, भारत में बनी 20% दवाएं नकली होती हैं. नकली API वाली मेडिसिन मरीजों को फायदा भी नही पहुचाती हैं.