Home नवीनतम समाचार कोरोना लॉकडाउन के दौरान पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई करेगी योगी सरकार, आदेश जारी

कोरोना लॉकडाउन के दौरान पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई करेगी योगी सरकार, आदेश जारी

कोरोना वायरस से पूरे देश में खौफ का माहौल है। वहीं यूपी की योगी सरकार ने अब लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया है जिसके तहत अब लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले गुरुवार को ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इस आपदा की स्थिति से बाहर निकलने के लिए लॉकडाउन को शत-प्रतिशत सफल बनाजाना होगा। सीएम ने कहा था, “इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक नागरिक संयम और संकल्प बनाए रखे।” जबकि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया, “लॉकडाउन के दौरान अन्तरजनपदीय, अन्तरराज्यीय और अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं को पूर्णतः सील किया गया है। इन सीमाओं का उल्लंघन न होने पाए। इसके लिए प्रभावी गश्ती सुनिश्चित की जाए।”

इस फैसले को लेने की पीछे की वजह यह है कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालने करवाने गई पुलिस टीम लगातार हमले हो रहे हैं। मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और अलीगढ़ जिले में पुलिसकर्मियों पर हमले हो चुके हैं। बताया जाता है कि हमले में महिलाएं भी शामिल रही हैं। इसी के तहत सूबे में गुरुवार को 177 एफआईआर दर्ज की गईं।

दूसरी ओर योगी सरकार ने लॉकडाउन का फायदा उठाकर जमाखोरी और कालाबाजारी करने के मामलों में 72 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। लॉकडाउन तोड़ने वाले वाहनों से 3.67 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया इससे पहले प्रदेश में 5263 बैरियर लगाकर 8.81 लाख वाहनों की चेकिंग कर 1.81 लाख वाहनों के चालान हुए और 13927 वाहन सीज किए गए।

क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को किसी भी संदिग्ध नागरिक को हिरासत में लेने की शक्ति देता है।

जानिए कब बना था ये कानून

देश में कई प्रकार के कानून बनाए गए हैं। ये कानून अलग-अलग स्थिति में लागू किए जाते हैं। इन्हीं मे से एक है रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून। 23 सितंबर, 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान इसे बनाया गया था। ये कानून देश की सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित है। यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेने की शक्ति देता है।