पुणे : परवेज शेख
बिहार शुक्रवार की रात नगर के कोतवाली चौक स्थित अपनी भाभी के घर जा रही थी, तभी एक गाड़ी पर सवार होकर चार लोग आए और उसे जबरन गाड़ी में बैठा लिया. लड़की के मुताबिक सभी आरोपियों ने अपना मुंह ढ़का हुआ था, हालांकि गाड़ी में दो लोगो के चेहरे से नकाब उतर गया जिससे लड़की ने दोनों को पहचान लिया. आरोपियो ने उसे किसी से शिकायत ना करने की चेतावनी भी दी थी. बहरहाल पुलिस इस मामले को संदिग्ध मान रही है और लड़की का मेडिकल टेस्ट कराकर पूरे मामले की तहकीकात में जुट गई है.
पीड़ित लड़की ने बताया की मां-पिता की पिटाई के बाद वह मुज्जफ्फरपुर भाग गई थी और बालिका गृह कांड के खुलासे के दो दिन पहले वह बालिका गृह पहुंची थी, जहां से उसे मोकामा बालिका गृह भेज दिया गया था. जिसके बाद उसे लेकर परिजन बेतिया चले आए थे. लड़की को सरकार ने 7 लाख रूपये का मुआवजा भी दिया है. लड़की अकेले ही किराए के मकान में माता पिता से अलग रहती है.
बेतिया में हुए गैंगरेप के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी तो दर्ज कर लिया है, लेकिन बेतिया एसपी इस पूरे मामले में साफ बोलने से इंकार कर दिया, उन्होंने बताया है कि पूरा मामला अभी संदिग्ध बना हुआ है, मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में कार्रवाई की जायेगी.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की पीड़ित 44 बच्चियों में से आठ को उनके परिवार को लोगों से मिलाने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड की पीड़िताओं के लिए फंड जारी करने और अन्य जरूरी आर्थिक मदद देने का भी आदेश दिया था. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट में पीड़ित लड़कियों और उनके परिवार के पुर्नवास को लेकर प्लान सौंपा गया था. चाइल्ड वेलफेयर कमिटी और बिहार सरकार स्टेटस रिपोर्ट को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना था.