Home नवीनतम समाचार चिंता की बात: पटना में गंगा का पानी नहाने लायक भी नहीं रहा

चिंता की बात: पटना में गंगा का पानी नहाने लायक भी नहीं रहा

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चौसा (बक्सर) से पटना होते हुए कहलगांव (भागलपुर) तक करीब 425 किलोमीटर की दूरी में कहीं भी गंगा का पानी नहाने लायक भी नहीं है। गंगा का पानी फिल्टर करके भी पीने योग्य नहीं रहा। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में यह थोड़ा सुधरा है लेकिन प्रदूषण बोर्ड इसे संतोषजनक नहीं मान रहा है। छोटे-बड़े शहरों का सीवरेज गंगा की निर्मलता को दूषित कर रहा है। 

गंगा किनारे छोटे-बड़े शहरों के प्रमुख कुल 31 घाटों पर पानी की गुणवत्ता की जांच की गई। इसमें टोटल कॉलिफॉम व पिकल कॉलिफॉम नामक जीवाणुओं की संख्या मानक से अधिक पाई गई। ये दोनों जीवाणु ई-कोलाई ग्रुप के हैं। इनकी संख्या मानक से अधिक रहने पर ये मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। 

प्रदूषण बोर्ड सात जिलों बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, लखीसराय, मुंगेर और भागलपुर के प्रमुख घाटों व स्थलों पर गंगा के पानी की गुणवत्ता की जांच हर महीने करता है। इस वर्ष अभी तक हर महीने की जांच रिपोर्ट से यही तथ्य सामने आए हैं कि गंगा का पानी अब भी पूरी तरह से दूषित है।