Home समाचार अंतरराष्ट्रीय चीन की बौखलाहट बेवजह ,बताया WTO के नियमों का उल्लंघन

चीन की बौखलाहट बेवजह ,बताया WTO के नियमों का उल्लंघन

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नई दिल्ली: ,भारत सरकार ने चीन से आने वाले एफडीआई पर सरकारी मंजूरी लेने का नियम क्या बनाया, चीन अब तिलमिला उठा है। यूं लग रहा है मानो भारत ने चीन से आने वाले निवेश पर रोक लगाई हो। चीन ने कहा है कि भारत ऐसा कर के चीन के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रहा है, जो वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के नियम के खिलाफ है।

गलत इरादों का खुद ही कर दिया पर्दाफाश
चीन की ये छटपटाहट दिखा रही है कि भारत के लिए उसकी मंशा ठीक नहीं है। आखिर सरकार ने सिर्फ इतना ही तो कहा है कि निवेश से पहले सरकार को बताना होगा और मंजूरी लेनी होगी, इसमें गलत क्या है? लेकिन चीन की बौखलाहट ने उसके गलत इरादों का पर्दाफाश करने का काम किया है।

क्या है नया नियम?
दरअसल, अभी तक कुछ मामलों जैसे डिफेंस, टेलिकॉम, मीडिया, फार्मास्युटिकल्स और इंश्योरेंस को छोड़ दें तो एफडीआई यानी विदेशी निवेश को सरकार की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होती थी। अब सरकार ने नियम बनाया है कि भारत से सीमाएं साक्षा करने वाले देशों से भारत में निवेश बिना सरकार की मंजूरी के नहीं होगा, चाहे वह किसी भी सेक्टर में हो।

1- रिकवरी रेट में हुई बढ़ोतरी

  • 1- रिकवरी रेट में हुई बढ़ोतरीदेश में 2500 से भी अधिक लोग अब तक सही होकर घर वापस जा चुके हैं। करीब दो हफ्ते पहले तक भारत की रिकवरी दर 8 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 14 फीसदी हो गई है। यानी कि हर 100 में से 14 मरीज अब ठीक होकर घर जा रहे हैं, जो एक अच्छा संकेत है कि कोरोना हारने की कगार पर है। शनिवार को ये दर 13.85 फीसदी थी, जबकि शुक्रवार को ये दर 13 फीसदी थी।
  • 2- 325 जिलों में कोई मामला नहींअगर कोरोना वायरस के मामलों की बात की जाए तो देश के कुल 736 जिलों में से 411 ऐसे जिले हैं, जिनमें रविवार तक एक भी मामला सामने नहीं आया था। यानी करीब आधे देश में कोरोना का एक भी मामला नहीं है। ऐसे में भले ही हर रोज कोरोना संक्रमण और मौत के आंकड़े बढ़ रहे हों, लेकिन इस बात से खुशी मिलना स्वाभाविक है कि अभी भी आधा देश पूरी तरह सुरक्षित है।
  • 3- कोरोना से मुक्त हुआ गोवारविवार को ही गोवा ने घोषणा की थी कि राज्य अब कोरोना मुक्त हो चुका है। राज्य में कुल 7 मामले सामने आए थे, जिसमें से 6 पहले ही ठीक हो चुके थे और रविवार को सातवें मरीज की भी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
  • 4- मणिपुर को भी मिली कोरोना से मुक्तिरविवार का दिन गोवा के लिए खुशखबरी वाला था और सोमवार को उसी खुशखबरी ने मणिपुर की दहलीज पर दस्तक दी है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है- ‘मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि अब मणिपुर भी कोरोना से मुक्त हो चुका है। यहां कोई नया मामला सामने नहीं आया है, वहीं पहले के दोनों मरीज ठीक हो चुके हैं और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। ये सब सिर्फ इसलिए मुमकिन हो सका क्योंकि जनता और मेडिकल स्टाफ ने सहयोग किया और मोदी सरकार ने सख्त लॉकडाउन कर के कोरोना को रोका।’
  • 5- यूपी के ये जिले भी कोरोना मुक्त घोषितहाल ही में यूपी ने भी ये घोषणा की है कि पीलीभीत, महाराजगंज और हाथरस में कोरोना मुक्त हैं। इस बात की सूचना राज्य के मुख्य स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने दी। उन्होंने कहा कि पीलीभीत, महाराजगंज और हाथरस में अब एक भी मरीज नहीं हैं, वहां के सभी मरीज पूरी तरह से ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इनके अलावा प्रयागराज भी कोरोना मुक्त हो चुका है।
  • 6- मामले दोगुने होने की रफ्तार घटीसरकार का कहना है कि दूसरे देशों के मुकाबले कोरोना से जंग में भारत का रिकॉर्ड काफी बेहतर है। लॉकडाउन से पहले कोरोना के मरीज तीन दिन में दोगुने हो रहे थे। अब केस दोगुने होने में औसतन 6.2 दिन लग रहे हैं। 19 राज्यों में तो यह इससे भी ज्यादा है। इन राज्यों में केरल, असम, तमिलनाडु, पंजाब, यूपी, हरियाणा, लद्दाख, दिल्ली, चंडीगढ़ आदि शामिल हैं।
  • 7- कोरोना से जंग जीतने का प्रतिशत बेहतरस्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि जो लोग कोरोना से जंग हार रहे है, उनमें से अधिकतर 63 साल से ज्यादा की उम्र के हैं और वे पहले से कई बीमारियों के शिकार हैं। देखा जाए तो भारत का कोरोना से जंग जीतने का प्रतिशत और देशों के मुकाबले में काफी बेहतर है।
  • 8- जल्द आने वाली है वैक्सीनइंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के चीफ साइंटिस्ट डॉ. रमन गंगाखेडकर का कहना है कि देश में कोरोना वायरस के तीन प्रकार नजर आ रहे हैं। इसकी वजह अलग-अलग देशों से लोगों का भारत में आना है। तीनों ही किस्मों में हाल के दौर में कोई खास बड़ा बदलाव नजर नहीं आया है, इसलिए इसकी वैक्सीन या दवा बनाने में हमें कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी कहा है वह किसी भी कीमत पर सितंबर तक कोरोना की वैक्सीन की दस लाख डोज तैयार कर लेगी। कोरोना की दवा बनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का प्रोटोकॉल भी तोड़ा जा रहा है।
  • 9- लगातार बढ़ रही टेस्टिंग क्षमताआईसीएमआर की कोरोना टेस्टिंग क्षमता हर गुजरते दिन के साथ बढ़ती ही जा रही है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने अपना प्लान भी बताया कि इसे बढ़ाकर करीब 80 हजार प्रतिदिन करना है, जो फिलहाल 37 हजार प्रतिदिन के करीब पहुंच चुका है। अब तक आईसीएमआर ने 3,83,985 सैंपल टेस्ट कर लिए हैं।
  • 10- भीलवाड़ा मॉडल अपनाने लगे राज्यराजस्थान के भीलवाड़ा में शुरुआती दौर में वायरस ने सबसे बुरा हाल किया हुआ था। प्रसाशन ने भीलवाड़ा की सीमाओं को सील कर दिया और सख्त लॉकडाउन लागू किया। एक-एक शख्स की टेस्टिंग की। अब हालात ये हैं तो भीलवाड़ा पूरी तरह से कोरोना से मुक्त हो चुका है और कोई भी नया मामला सामने नहीं आ रहा है। केंद्र ने बाकी राज्यों से भी कहा है कि वह भीलवाड़ा मॉडल अपनाएं और राज्यों ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। उम्मीद की जा रही है कि अब कोरोना वायरस ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगा।

क्या कहा है चीन ने, जानें पूरी बात
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि कुछ खास देशों से प्रत्यक्ष विदेश निवेश के लिए भारत के नए नियम डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांन्त का उल्लंघन करते हैं और मुक्त व्यापार की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं। अधिकारी ने कहा कि ‘अतिरिक्त बाधाओं’ को लागू करने वाली नई नीति G20 समूह में निवेश के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी वातावरण के लिए बनी आम सहमति के खिलाफ भी है।

चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय पक्ष द्वारा विशिष्ट देशों से निवेश के लिए लगाई गई अतिरिक्त बाधाएं डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांन्त का उल्लंघन करती हैं, और उदारीकरण तथा व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं।’

चीन की बौखलाहट बेवजह
भारत ने जो नियम बनाए हैं, उन पर चीन ने कहा है कि कुछ खास देशों पर प्रतिबंध लगाना वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के नियमों का उल्लंघन है। देखा जाए तो भारत के नए नियम सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार और भूटान पर भी तो लागू होते हैं, लेकिन दिक्कत सिर्फ चीन को हो रही है।

वैसे चीन ने किया क्या, जिसके चलते ये नियम बना?
चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने हाउसिंग लोन देने वाली भारत की दिग्गज कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC) के 1.75 करोड़ शेयर खरीदे हैं। लॉकडाउन के बीच एचडीएफसी लिमिटेड के शेयरों में 32.29 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। जनवरी में इसका शेयर करीब 2500 रुपए का था, जो अब 1600 रुपए का हो गया है। इसी बीच मौके का फायदा उठाते हुए चीन ने एचडीएफसी लिमिटेड के बहुत सारे शेयर खरीद लिए हैं। BSE से मिली जानकारी के मुताबिक इन निवेश के बाद अब एचडीएफसी लिमिटेड में में चीनी केंद्रीय बैंक की हिस्सेदारी 1.01 फीसदी हो गई है। चीन के इसी कदम के बाद भारत सतर्क हुआ है