Home समाचार राजनीति दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को लिखी चिट्ठी, व्यापमं के आरोपियों को सजा दिलाने की मांग

दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को लिखी चिट्ठी, व्यापमं के आरोपियों को सजा दिलाने की मांग

भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यापमं के मुख्य आरोपियों को सजा दिलाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने व्यापमं के आरोपियों को कानून के दायरे में सजा दिलाने की मांग की है.

दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि व्यापमं मामले में निर्दोष छात्र-छात्राओं को न्याय दिलाने और उनके भविष्य की रक्षा के लिए उचित निर्णय लिया जाए. इस पत्र में दिग्विजय सिंह ने सीएम कमलनाथ के लिए कई सुझाव भी दिए हैं. जिसके जरिए मुख्य आरोपियों को सजा दिलाई जा सकती है. दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि व्यापमं घोटाला देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में सुर्खियों में रहा है.


इस घोटाले के कारण जहां मध्यप्रदेश की छवि खराब हुई है, वहीं दूसरे हजारों निर्दोष छात्रों को मानसिक प्रताड़ना से भी गुजरना पड़ा है. कई युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है. इस घोटाले में 45 से ज्यादा लोगों की जान भी गई है. दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि 2013 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में घोटाला उजागर होने के बाद कई परीक्षाओं में भी इस तरह की गड़बड़ियां हुई है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले के मुख्य आरोपियों को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार में छात्रों को मोहरा बनाया था. जिन छात्रों का इस परीक्षा में चयन तक नहीं हुआ, उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए और उन्हें जेल भेजा गया.

उन्होंने आगे लिखा है कि यह सर्वविदित है कि तत्कालीन सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर था. दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि इस प्रकरण को वे सुप्रीम कोर्ट के सामने लेकर गए थे. इसकी जांच के लिए गठित एसआईटी के सामने भी कई तथ्य रखे थे. साथ ही दिग्विजय सिंह ने इस मामले में न्याय की रक्षा के लिए शासन को यह कदम उठाने की बात कही है.

  • ऐसे छात्र जो इम्पेरिकल रूल के अंतर्गत नहीं आते हैं, उनके खिलाफ दर्ज प्रकरण वापस लेना चाहिए.
  • ऐसे छात्र जो इम्पेरिकल रूल के अंतर्गत आते हैं. लेकिन उनके खिलाफ पैसों के लेनदेन के कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है, या उन्होंने नीट परीक्षा संबंधित साल में उत्तीर्ण की है. उनके खिलाफ दर्ज प्रकरण वापस लिए जाने चाहिए.
  • ऐसे छात्र जो एंपरिकल रूल के अंतर्गत आते हैं. लेकिन उनके खिलाफ पैसों के लेनदेन के कोई सबूत नहीं है और जो परीक्षा में फिर सम्मिलित होने की आयु सीमा से बाहर हो गए हैं. उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाना चाहिए.
  • जो छात्र इम्पेरिकल रूल के अंतर्गत आते हैं और जिनके खिलाफ पैसों के लेनदेन के बड़े प्रमाण भी हैं तथा जिनके खिलाफ कॉल डिटेल के रूप में सबूत उपलब्ध है. उन्हें अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी गवाह बनाना चाहिए.