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दिल्ली में खतरनाक हुआ प्रदूषण, 325 के पार पहुंचा PM2.5

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खास बातें

  • मंगलवार को PM2.5 का स्तर 325 तक जा पहुंचा
  • PM10 का स्तर 186 के पार पहुंचा
  • हवा का बहाव कम होने से प्रदूषण ज्यादा बढ़ा

अक्तूबर का दूसरा पखवाड़ा बीतते ही दिल्ली का गला प्रदूषण में हांफने लगा है। मंगलवार को दिल्ली में सुबह दस बजे PM2.5 का स्तर 325 के पार पहुंच गया, जबकि PM10 का स्तर 186 का आंकड़ा पार कर चुका है। नासा से प्राप्त चित्रों से पता चलता है कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार जारी हैं। इससे आने वाले समय में दिल्ली की आबोहवा और अधिक खराब हो सकती है। हवा का बहाव बेहद कम हो गया है जिसके कारण प्रदूषण की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है। हालांकि, दिल्ली सरकार से लेकर नगर निगमों तक इससे निबटने के उपाय भी किए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने जगह-जगह पर वायु शोधक यंत्र लगा रखे हैं। नगर निगमों के द्वारा भी कई जगहों पर पानी के छिड़काव की व्यवस्था की जा रही है।

वायु बहाव कम होने से बढ़ी समस्या
हवा का बहाव कम होने से प्रदूषण के कण दूर नहीं जाते और आसमान में ही लटके रहते हैं। इसके कारण लंबे समय तक ये प्रदूषण का कारण बने रहते हैं। दिल्ली में इस समय हवा का बहाव बेहद कम चल रहा है। यही कारण है कि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।

आने वाले समय में दिवाली और छठ जैसे त्योहारों पर पटाखे चलाने से भी प्रदूषण बढ़ना तय माना जा रहा है। बाजारों में हरित पटाखे न उपलब्ध होने से आशंका है कि लोग सामान्य पटाखों को जला सकते हैं जिससे आने वाले दिनों में प्रदूषण स्तर और अधिक खतरनाक हो सकता है।

पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने उठाए कदम प्रदूषण के मामले में पूर्वी दिल्ली का आनंद विहार क्षेत्र कई बार सबसे ‘खराब’ स्तर पर पहुंच जाता है। अनेक राज्यों से आने वाली डीजल चलित बसें यहां का वातावरण लगातार खराब करती रहती हैं। इस वर्ष प्रदूषण से निबटने के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम अभी से तैयारी कर रहा है। बुधवार को पानी छिड़काव के लिए 40 नए टैंकर लगाए जा रहे हैं।

इसके अलावा छह जेटिंग मशीनें, दो सुपर सकर, चार ऑटो माउंटेड पीकर मशीनें, छह मैकेनिकल स्वीपर मशीनें और छह सक्शन कम जेटिंग मशीनों को लगाया जा रहा है। इससे पूरे इलाके में प्रदूषण से निबटने में मदद मिलेगी। इसी प्रकार दिल्ली सरकार भी अनेक स्तरों पर प्रदूषण से निबटने के प्रयास कर रही है।

पराली पर दिल्ली और केंद्र भिड़े राजधानी में प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों में जलाई जाने वाली पराली की भूमिका पर भी विवाद खड़ा हो गया है। दिल्ली भाजपा ने कहा है कि प्रदूषण के लिए पराली की भूमिका उतनी अधिक महत्त्वपूर्ण नहीं है क्योंकि कुल प्रदूषण में पराली से होने वाले प्रदूषण की मात्रा केवल दो फीसदी ही है।

भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा है कि राजधानी में प्रदूषण के लिए यातायात व्यवस्था में कमी जिम्मेदार है क्योंकि प्रदेश सरकार ने पर्याप्त यातायात सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई है जिसके कारण लोग मजबूरन प्राइवेट वाहन इस्तेमाल कर रहे हैं जो प्रदूषण का कारण बन रही है।

प्रदूषण से बचने के लिए भाजपा नेता जगह-जगह पर लोगों को मास्क बांट रहे हैं। तिवारी ने कुछ फोटो साझा करते हुए आरोप लगाया है कि किसानों को बदनाम करने के लिए हरे खेतों में पराली जलाने के नकली फोटो साझा किए जा रहे हैं, जबकि पराली केवल पके धान के खेतों में फसल की कटाई के बाद ही जलाई जाती है। भाजपा नेता ने कहा है कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने से रोकने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

वहीं, आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर राजधानी के प्रदूषण पर आधिकारिक आंकड़े साझा करने की मांग की है। मंत्री का आरोप है कि दिल्ली के प्रदूषण पर गलत बयानी की जा रही है। दिल्ली सरकार ने राजधानी का प्रदूषण स्तर 25 फीसदी कम करने का भी दावा किया था।