Home समाचार ऐतिहासिक-हिंदी देवदीपावलीः दीपों की जगमगाहट जोड़ेगी गंगा-वरुणा-गोमती के किनारे

देवदीपावलीः दीपों की जगमगाहट जोड़ेगी गंगा-वरुणा-गोमती के किनारे

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कार्तिक पूर्णिमा की तिथि पर मंगलवार की शाम रोशन होने वाले दीपकों की जगमगाहट गंगा, वरुणा और गोमती के किनारों को आपस में जोड़ेगी। देवदीपावली के मौके पर गंगा के घाटों, शहर के तालाबों-कुंडों,गली-मोहल्लों, वरुणा से लेकर कैथी में गोमती के किनारे तक इस बार 21 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है। 

गंगा के किनारे अस्सी से राजघाट का हिस्सा न सिर्फ स्थानीय बल्कि ग्लोबल टूरिस्ट के लिए भी आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा। केंद्रीय देवदीपावली महासमिति के प्रयासों से इस बार काशी के 51 घाटों पर गंगा आरती का भव्य आयोजन किया गया है। वहीं कुंडों-तालाबों और गली मोहल्लों में भी देवदीपावली विस्तार दिखेगा। अस्सी से राजघाट के बीच 16 प्रमुख घाटों की मढ़ियों पर दीपों की जगमग के बीच विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम, संस्कृति विभाग की ओर से किए जाएंगे।

तुलसी घाट पर काशी टू कश्मीर थीम पर आधारित विशाल कटआउट के आगे लाल चौक पर लहराता तिरंगा आकर्षण का केंद्र होगा। दशाश्वमेघ घाट पर बेशक इंडिया गेट दिखेगा, शहीदों को सलामी दी जाएगी लेकिन गंगा आरती की भव्यता सीमित रहेगी। पीपे का मंच नहीं बनने की स्थिति में घाट पर स्थानाभाव को देखते हुए 21 ब्राह़्मणों द्वारा महाआरती के स्थान पर सात ब्राह्मणों द्वारा नित्य की भांति आरती 
कराई जाएगी।  

पांच सौ से अधिक स्थानों पर आयोजन
केंद्रीय देवदीपावली महासमिति के अध्यक्ष आचार्य वागीश दत्त मिश्र ने कहा कि गंगा,वरुणा और गोमती किनारे पांच सौ से अधिक स्थानों पर सार्वजनिक रूप से देवदीपावली के आयोजन होंगे। शहर के गली-मोहल्लों के साथ ही गांव के टोलों में भी देवदीपावली का विस्तार सहज रूप से दिखाई देगा। इन तीनों ही नदियों के किनारे बसने वाले हजारों लोग स्वत:स्फूर्त भाव से इस आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं ऐसे में इस बार देवदीपावली पर 21 लाख दीपक रोशन करने का लक्ष्य रखा है। 

पंद्रह मिनट बंद होगी घाट किनारे बिजली
देवदीपावली की संध्या में रूपहली चांदनी और दीपों की इंगूरी आभा में काशी के घाटों के अनूठे सौंदर्य की अनुभूति करने के लिए एक खास कदम उठाया गया है। नगर निगम के आग्रह पर विद्युत विभाग 15 मिनट के लिए गंगा किनारे अस्सी से राजघाट तक बिजली की सप्लाई बंद कर दी जाएगी। शाम पौने छह से सात बजे तक आप सभी दीपों के उजाले में काशी के घाटों का दीदार कर सकेंगे।