Home अपराध प्रशासन की नाक के नीचे खुला धार्मिक स्थान कोरोना वायरस को दिया बड़ावा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के सख्त निर्देशों के अनुसार मोके पर पहुंचे डीसीपी गुरमीत लेकिन कोई कार्रवाई नहीं? कारण….

प्रशासन की नाक के नीचे खुला धार्मिक स्थान कोरोना वायरस को दिया बड़ावा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के सख्त निर्देशों के अनुसार मोके पर पहुंचे डीसीपी गुरमीत लेकिन कोई कार्रवाई नहीं? कारण….

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प्रशासन की नाक के नीचे खुला धार्मिक स्थान कोरोना वायरस को दिया बड़ावा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के सख्त निर्देशों के अनुसार मोके पर पहुंचे डीसीपी गुरमीत लेकिन कोई कार्रवाई नहीं? कारण….

लाॅकडान के चलते कोरोना वायरस की बीमारी से भारत की जनता के चेहरे पर डर सा है। वही दूसरी तरफ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के आदेशों के अनुसार सभी धार्मिक स्थल जैसे कि मंदिर,चर्च, मस्जिद और गुरु दुआरा सहाब बंद किए गए हैं।क्योंकि वहा लोगो की भीड़ ईकठा ना हो सके और सरकार के आदेशों के मुताबिक अगर किसी को पूजा पाठ करनी तो लोग अपने अपने घरों में ही करे ताकि कोरोना वायरस जानलेवा बीमारी से सभी लोगों की जान बच सके।

लेकिन आज जालंधर के गुरु तेग बहादुर नगर मे गुरु दुआरा साहब जनता के लिए खोल दिया गया। क्या कारण हो सकता है। ऐसे लोग शहर का माहौल खराब कर रहें हैं जो मेहनत जिला प्रशासन के अधिकारी, पुलिस अधिकारी कर रहे उस पर कही कही पानी फेर ने की कोशिश की जा रही है।

जहाँ लाॅकडान के चलते भारत के प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के आदेशों को दरकिनार कर और सरकार द्वारा जारी किए गए सख्त आदेशो की भी धज्जियाँ उड़ा रहे है। भगवान न करे अगर इस खुले हुए धार्मिक स्थान पर कोई कोरोना पॉजिटिव शख्स एंटर होता और इस कि पुरी संभावना है कि ऐसा व्यक्ति गुरुद्वारा साहिब में आने वाले कई लोगो को, गुरुद्वारा साहिब की मैनेजमेंट के लोगो को भी इफेक्ट कर सकता है।

मोके पर पहुंचे डीसीपी इन्वेस्टीगेशन गुरमीत सिंह करीब एक घंटे तक गुरु दुआरा साहब के अंदर रहे और कोई कार्रवाई नहीं।इस मे एक बात देखने को मिली की जो व्यक्ति गुरुद्वारा साहिब में आ रहे थे उन्होंने ने ना तो मुहँ मे मास्क पहने हुए थे और आराम से लोग गुरु दुआरा साहब के अंदर माथा टेकने के लिए जा रहे थे।

आज की ये घटना कई सवाल जिला प्रशासन व पंजाब के मुख्य मंत्री साहब के सामने खड़े करती है:

1.जालन्धर शहर सरकार के मुताबिक रेड जोन में है, फिर भी ऐसी हरकत करने से शहर में कोरोना के मामले बढ़ सकते है?

जब जिले के सभी धार्मिक स्थलों को खास हिदायत है कि महामारी से बचने के आम जनता के न खोल जाए, फिर भी एक धार्मिक स्थल का खुलना अपने आप मे कई सवाल खड़े करता है?

क्या गुरुद्वारा साहब प्रशासन की अनुमति पर ही खोला गया था या नही?

क्या कोरोना बीमारी की लड़ाई आज बड़ी नहीं है?

क्या शहर में इसके कारण कोरोना के केस बड़ जाता है तो क्या डीसी जालंधर वरिंदर शर्मा जी इसकी जिम्मेदारी लेते हैं?

मोके पर पहुंचे डीसीपी गुरमीत सिंह ने क्यों नहीं की कार्रवाई?इसका क्या कारण हो सकता है

क्यों डीजीपी गुरमीत सिंह ने वार्निंग दे कर छोड़ दिया?

जब मीडिया ने डीसीपी गुरमीत से पूछा कि अगर कल को लोग मंदिर चर्च भी खोल दें तो आप उनको भी वार्निंग देकर छोड़ देंगे, तो डीसीपी साहब चुप कर गए।

मीडिया ने मोके पर डीसी जालंधर को भी फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया फिर ऐस डीएम वन जालंधर को

बताया कि यहा पर गुरु दुआरा साहब जनता के खोला गया है और मोके पर डीसीपी गुरमीत जी पहुंचे हैं और कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।ऐस एसडीएम वन जालंधर ने कहा कि मैं अभी बात कर्ता हूं डीजीपी गुरमीत जी से फिर उसके बाद एसडीएम वन जालंधर को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया ऐसे लगता है क्या प्रशासन भी ईन लोगों के साथ है। क्या ऐसे ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के हुक्मो की उड़ती रहेंगी धज्जियां।

इस घटना से ये सवाल भी उठता है कि अगर शहर में हर चौक चौराहे में पुलिस के नाके लगे है पर भी इस तरीके से एक धार्मिक स्थल का खुलना जिला प्रशासन से सभी दावों को फूस करता है।