Home नवीनतम समाचार बड़ी खबर! गोल्ड, डायमंड कारोबारी को ई-वे बिल से मिल सकती है राहत

बड़ी खबर! गोल्ड, डायमंड कारोबारी को ई-वे बिल से मिल सकती है राहत

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नई दिल्ली: टैक्स चोरी के मुद्दे पर गठित जीएसटी पैनल (GST Panel) सोना (Gold) और कीमत रत्नों (Precious Stones) को ई-वे बिल (e-way Bill) के दायरे से बाहर रखने के पक्ष में है. पैनल का मानन है कि ई-वे बिल सिस्टम के तहत लाइव लोकेशन टैक्स होते हैं और कंसाइनमेंट के मूवमेंट का विभाग को रहता है. ऐसे में जानकारी लीक होने पर लॉ एंड ऑर्डर की समस्या खड़ी हो सकती है और सिक्योरिटी के लिए भी अलग से इंतजाम करने पड़ सकते हैं. ऐसे में कारोबारियों को काफी परेशानी हो सकती है. इसलिए मौजूदा सिस्टम बेहतर है.

बता दें कि सरकार ने अप्रैल, 2018 में 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं के अंतरराज्यीय और अंतराराज्यीय आवागमन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था शुरू की थी.

अभी गोल्ड और प्रिशियस स्टोन्स ई-वे बिल के दायरे से बाहर हैं. लेकिन केरल सरकार ने मांग की थी कि जीएसटी चोरी रोकने के लिए गोल्ड और प्रिशियस स्टोन्स को ई-वे बिल के दायरे में लाया जाए. बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में गठित जीएसटी पैनल ने शनिवार को बैठक की थी और बैठक में इस बारे में ज्यादा सदस्यों का यही सुझाव था कि गोल्ड और प्रिशियस स्टोन्स को ई-वे बिल से बाहर रखा जाए. पहले भी लॉ कमिटी ने इस संदर्भ में अपना सुझाव दिया था.सोने का एक बड़ा कारोबार नकद होता है. और ई-वे लागू से कैश में होने वाला सोना का कारोबार खत्म हो जाएगा. सोने में कैश का कारोबार करने वालों को प्रति तोला 1000-1500 रुपये का फायदा होता है. इसलिए ई-वे बिल लागू होने से सभी लेनदेन का रिकॉर्ड होगा और इसका असर सोने की कीमतों पर देखने को मिलेगा.