Cyclone Mocha: बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान Mocha की भयानक तस्वीर सेटेलाइट से देखी गई है। बंगाल की खाड़ी में स्थित इस प्रचंड तूफान मोचा को देखते हुए जहां भारत में पश्चिम बंगाल सहित अन्य तटीय राज्यों ने ऐहतियाती कदम उठाए हैं, वहीं बांग्लादेश में भी इस चक्रवाती तूफान का खतरा बढ़ गया है।
बांग्लादेश के अधिकारियों ने शनिवार को दक्षिण पूर्वी समुद्री तट से लाखों लोगों को हटाने का निर्देश दिया है। क्योंकि भयानक चक्रवात ‘मोचा’ जो कि उष्णकटिबंधीय साइक्लोन है, यह बांग्लादेश के तट पर तबाही मचा सकता है। इससे रोहिंग्या शरणार्थी शिविर को खतरा उत्पन्न होने की आशंका है।लगभग दो दशकों में बांग्लादेश में देखे गए सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से ‘मोचा’ को एक माना जा रहा है। यह खतरनाक चक्रवात रविवार को बांग्लादेश म्यांमार सीमा पर दस्तक दे सकता है। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने को बताया, ‘हमारे दक्षिण-पूर्वी समुद्र तटों से लाखों लोगों को निकालने के निर्देश जारी किए गए हैं।’ इस बीच इसकी एक सैटेलाइट तस्वीर सामने आई है जिसमें पता लगता है कि यह तूफान कितना खतरनाक है।
चटगांव में हालात खतरनाक बांग्लादेश के मौसम कार्यालय द्वारा अपना नवीनतम विशेष मौसम बुलेटिन जारी करने के बाद यह टिप्पणी की गई है। इसमें दक्षिणपूर्वी चट्टगांव और कॉक्स बाजार के समुद्री बंदरगाहों को ‘बहुत खतरनाक संकेतक नंबर आठ’ की घोषणा के लिए कहा गया है। मौसम विभाग ने कहा कि ‘बेहद खतरनाक चक्रवाती तूफान मोचा’ उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, जिसके कारण 175 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने इससे पहले शुक्रवार को सप्ताहांत में 2-2.5 मीटर ऊंची लहर उठने की आशंका जताई थी, जिससे उत्तरी म्यांमार के निचले इलाकों के साथ-साथ बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में बाढ़ आने के साथ ही भूस्खलन की भी आशंका है।रोहिंग्या शरणाथियों के शिविर पर मंडराया खतराम्यांमार के पश्चिमी तट से हजारों लोग भाग गए हैं और बांग्लादेश में अधिकारियों ने शनिवार को रोहिंग्या शरणार्थियों को निकालने के लिए जान लगा दी है। एक दशक से अधिक समय तक इस क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली चक्रवात बंगाल की खाड़ी में चला गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, चक्रवात मोचा की वजह से 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।कॉक्स बाजार, जहां करीब दस लाख रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में रहते हैं, जो बड़े पैमाने पर अस्थिर आश्रयों से बने हैं। वहीं, म्यांमार के पश्चिमी रखाइन तट पर सितवे के बीच लैंडफॉल बनाने से पहले इसके कमजोर होने की उम्मीद है। ‘मोचा’ साल 2008 के बाद सबसे बड़ा तूफान है। डब्ल्यूएमओ के प्रवक्ता क्लेयर नुलिस ने जिनेवा में एक प्रेसवार्ता में कहा, ”यह एक बहुत ही खतरनाक चक्रवात है और यह तेज हवाओं से जुड़ा है।