स्टडी में खुलासा: प्रशांत महासागर गर्म होने से उत्तर भारत में बारिश घटी

- Advertisement -

भारतीय-प्रशांत महासागर के ज्यादा हिस्से के गर्म होने के कारण संपूर्ण विश्व में बारिश के चक्र में बदलाव हो रहा है।  इससे उत्तर भारत में भी बारिश घट रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) पुणे के रॉक्सी मैथ्यूक कोल की टीम के अध्ययन में यह बात सामने आई है।

इस अध्ययन को नेचर के ताजा अंक में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि भारतीय-प्रशांत महासागर के गर्म हिस्से का आकार दोगुना हो गया है। पृथ्वी पर महासागर के तापमान में यह सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। महासागर के गर्म हिस्से में हो रही बढ़ोतरी ने उस मौसम के उतार-चढ़ाव को बदल दिया है,जिसका स्रोत भूमध्यर रेखा के ऊपर है। इसे मड्डेन जूलियन ऑस्सीवलेशन (एमजेओ) कहते हैं।

एमजेओ के व्यवहार में बदलाव के कारण उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, पश्चिम पैसिफिक, अमेजॉन बेसिन, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका और दक्षिण-पूर्वी एशिया (इंडोनेशिया, फिलीपींस और पापुआ न्यू गीनिया) में बारिश बढ़ गई है। उसी दौरान इन्हीं परिवर्तनों के कारण मध्य प्रशांत, अमेरिका के पश्चिम और पूर्वी हिस्से में (जैसे कैलीफोर्निया), उत्तर भारत, पूर्वी अफ्रीका और चीन के यांगजे बेसिन में बारिश में गिरावट दर्ज की गई है।

भूमध्यम रेखा के ऊपर पश्चिम की ओर चलने वाले वर्षा बादलों के समूहों के द्वारा एमजेओ का वर्गीकरण होता है। एमजेओ भूमध्य रेखा के ऊपर चक्रवात, मॉनसून, और एल नीनो चक्र को नियंत्रित करता है। यह कभी-कभी एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका में मौसम की विनाशकारी घटनाओं को अंजाम देता है। भूमध्या रेखा के ऊपर महासागर में एमजेओ 12,000 से 20,000 किलोमीटर तक की दूरी तय करता है, खास तौर से भारतीय-प्रशांत महासागर के गर्म हिस्से के ऊपर से, जिसका तापमान आमतौर पर समुद्री तापमान से अधिक रहता है।  

भारत में बादलों के दिन घटे
भारतीय महासागर पर एमजेओ के बादलों के बने रहने का समय औसतन 19 दिन से करीब चार दिन घटकर औसतन 15 दिन हो गया है। दूसरी तरफ पश्चिमी प्रशांत पर यह पांच दिन बढ़ गया है (औसतन 16 दिन से बढ़कर 21 दिन हो गया है)। 

किसने किया अध्ययन
यह अध्यनयन भारत-अमेरिका के सहयोग से, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत और यूएस नेश्नल ओशियानिक एंड एटमॉसफियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है, जिसे यूएस नेशनल एकाडमी आफ साइंसेस ने आगे बढ़ाया है। 

- Advertisement -