Home अवर्गीकृत एक दिव्यांग मित्र की देश कॆ लिये कविता समर्पित

एक दिव्यांग मित्र की देश कॆ लिये कविता समर्पित

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कविता आप तक पहुंचा रहा हूं। आशा है आपको पसंद आएगी।

हुंकार भरी जब सिंहों ने,
धारा 70 को तोड़ दिया।
अभी तलक कश्मीर अलग था,
अब भारत से जोड़ दिया।

अरी भूतनी महबूबा,
तू किस धोखे में खोई है।
भोर किरण आ गई सुनहरी,
तू अब तक क्यों सोई है।
उमर, कांग्रेश, लोन, नवी ने,
बारंबार विरोध किया
अभी तलक कश्मीर अलग था
अब भारत से जोड़ दिया।

कश्मीरी जनता ने झेले,
कष्ट अनेकों दशकों से।
मचा रहा कोहराम वहां पर,
पाकिस्तान परस्तों से।
वीर बहादुर सेना ने,
अब उनका भी रुख मोड़ दिया
अभी तलक कश्मीर अलग था,
अब भारत से जोड़ दिया।

चलें कदम से कदम मिलाकर,
कश्मीरी सब भाई बहन।
जुड़ें देश की मुख्य डगर से,
करें परिश्रम और जतन।
एक राष्ट्र और एक झंडे से,
हमने रिश्ता जोड़ लिया।
अभी तलक कश्मीर अलग था,
अब भारत से जोड़ दिया।

रचनाकार-जय हिंद वंशकार

( शुभप्रभातम् संस्था युवा दल अध्यक्ष)
नोटा
झांसी
उत्तर प्रदेश