Home समाचार नासिक के लोगों ने गणेश की मूर्तियां विसर्जित करने के बजाय दान कीं

नासिक के लोगों ने गणेश की मूर्तियां विसर्जित करने के बजाय दान कीं

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 नासिक :नासिक के नागरिकों ने नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए एक अनोखी पहल की है। शहर के नगर निगम और सामाजिक संगठन द्वारा की गई अपील पर अब भगवान गणेश की मूर्तियों को गोदावरी नदी में विसर्जित करने के बजाय दान कर दिया। नगर निकाय ने 12 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन नदी के किनारे विसर्जन स्थलों के पास स्थापित किए गए विशेष केन्द्रों से 1,29,923 मूर्तियों का संग्रह किया। विज्ञप्ति में कहा गया है, हमने मूर्तियों के अलावा नगर निगम के मंडलों से 108. 035 टन इस्तेमाल किये गए फूलों व अन्य कचरा भी इकट्ठा किया है।

विज्ञप्ति के अनुसार, नगर निगम ने पानी में आसानी से नहीं घुलने वाली प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी भगवान गणेश की मूर्तियों के आसान निपटान के लिए लोगों के बीच 5.6 टन अमोनियम बाईकार्बोनेट पाउडर का वितरण किया है।

11 दिन तक चलने वाला गणेश चतुर्थी महोत्सव दो सितंबर को शुरू होकर 12 सितंबर तक चला।

मुंबई पुलिस ने गणपति विसर्जन के दौरान गुरुवार और शुक्रवार को पहली बार ‘ड्रोन रोधी प्रणाली’ का इस्तेमाल किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली एक खास आवृत्ति पर संचालित होने वाले ड्रोनों को अचल कर सकती है जिससे वह नीचे आ जाता है।

अधिकारी ने कहा कि गुरुवार और शुक्रवार की सुबह गणपति विसर्जन जुलूस के दौरान पहली बार ड्रोन रोधी प्रणाली का इस्तेमाल किया गया। इसे गिरगांव चौपाटी तथा कुछ अन्य इलाकों में तैनात किया गया था। इसका उद्देश्य अनधिकृत ड्रोन की उड़ान पर लगाम लगाना था।

उन्होंने जानकारी दी कि सिंगापुर स्थित एक कंपनी से यह प्रणाली हासिल की गई है। उन्होंने कहा कि ड्रोन रोधी प्रणाली का विसर्जन से कुछ दिन पहले परीक्षण किया गया था। इस दौरान पुलिस आयुक्त संजय बर्वे और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।