Home अवर्गीकृत बचत खाते ज्यादा होना आपके लिए है घाटे का सौदा, जानिए कैसे

बचत खाते ज्यादा होना आपके लिए है घाटे का सौदा, जानिए कैसे

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बैंक में ज्यादा बचत खाते होने से आपकी जेब हल्की हो सकती है। बचत खाते पर अभी बैंक तीन से चार फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं। वहीं न्यूनतम राशि नहीं होने पर 700 रुपये तक शुल्क वसूलते हैं। इस तरह आपकी जेब से हर माह राशि निकलती रहती है और आपको पता भी नहीं चलता है। ऐसे में कई बचत खाते होने आपके लिए घाटे का सौदा है। साथ ही आयकर रिटर्न भरते समय भी इन सबकी जानकारी देनी पड़ती है। इस स्थिति में उपयोग में नहीं आ रहे बचत खाते को बंद कराकर आप कई परेशानियों से बच सकते हैं। पेश है इस मामले पर एक रिपोर्ट

न्यूनतम राशि का रखें ध्यान
सरकारी और निजी बैंकों ने न्यूनतम राशि की अपनी सीमा तय कर रखी है। इस सीमा से कम राशि बचत खाते में होने वह तय शुल्क हर माह काट लेते हैं। एसबीआई ने न्यूनतम राशि की सीमा एक हजार से तीन हजार रुपये तक कर रखा है। वहीं एचडीएफसी में बचत खाते में न्यूनतम 10 हजार रुपये और सिटी बैंक में 25 हजार रुपये है। एचडीएफसी सीमा से कम राशि होने पर करीब 700 रुपये तक काट लेता है। 

 सैलरी अकाउंट और बचत खाते का गणित
किसी भी सैलरी अकाउंट में तीन माह तक वेतन नहीं आने पर वह बचत खाते में बदल जाता है। इससे खाते को लेकर बैंक के नियम बदल जाते हैं और बैंक उसे बचत खाते के रूप में शामिल करते हैं। सैलरी अकाउंट में न्यूनतम राशि की सीमा नहीं लागू होती है जबकि बैंक के नियम के मुताबिक, बचत खाते में एक न्यूनतम राशि रखना जरूरी है। 

ब्याज का भी नुकसान
कई बैंकों में बचत खाते होने से एक बड़ी राशि फंसी रहती है। इससे आपको दोहरा नुकसान होता है। अपने हर खाते में एक न्यूनतम राशि रखनी होती है। इसपर आपको महज तीन से चार फीसदी ब्याज मिलता है। आप इसी राशि को म्यूचुअल फंड या अन्य निवेश योजनाओं में लगा दें तो बचत खाते के ब्याज की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।

सिर्फ 20 हजार नकद निकाल सकते हैं
आपके बचत खाता में राशि जमा है तो उस राशि को निकालने या दूसरे खाते में ट्रांसफर का विकल्प होता है। इस स्थिति में आप खाते में जमा राशि में से नकद सिर्फ 20,000 रुपये तक निकाल सकते हैं। इससे अधिक राशि होने पर आपके पास इसको अपने दूसरे बैंक खाते में ट्रांसफर कराने का विकल्प होगा। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि उस खाता का अंतिम विवरण (स्टेटमेंट) अपने पास जरूर रख लें जिसमें खाता बंद करने की चर्चा हो।

इन बातों का रखें ध्यान
बचत खाते को बंद करने से पहले आपके लिए यह देखना जरूरी है कि उस खाते से कोई निवेश या लोन अकाउंट तो जुड़ा हुआ नहीं है। बचत खाते से सामान्यत: निवेश, लोन, क्रेडिट कार्ड भुगतान, बीमा प्रीमियम और बिजली-पानी बिल का भुगतान लिंक होता है। यदि ऐसा तो सबसे पहले अपने दूसरे बैंक खाते को इस तरह के भुगतान से लिंक करवा दें।  

क्या है खाता बंद करने का नियम
खाता बंद कराते समय अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरना पड़ना पड़ता है। आपको इस फॉर्म में खाता बंद करने की वजह बतानी होती है। अगर आपका संयुक्त खाता है तो सभी खाताधारकों का हस्ताक्षर जरूरी है। आपको एक दूसरा फॉर्म भी भरना होता है जिसमें उस खाता की जानकारी देनी होती है जिसमें आप बचा पैसा ट्रांसफर कराना चाहते हैं। खाता खोलने के 14 दिन के अंदर उसे बंद कराने पर बैंक किसी तरह का शुल्क नहीं वसूलते हैं। अगर आप खाता खोलने के 14 दिन बाद से लेकर एक साल पूरा होने से पहले उसे बंद कराते हैं तो आपको शुल्क देना पड़ सकता है। आम तौर पर एक साल से ज्यादा पुराने खाते को बंद कराने पर शुल्क नहीं लगता है।