फरीदाबाद : हृदयेश सिंह की रिपोर्ट
आज बदलाव हमारी कोशिश चेरिटेबल ट्रस्ट की संस्थापक सुषमा यादव और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से झाडसैतली गांव की आंगनवाड़ी केन्द्र में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में आसपास की महिलाओं को सेनेटरी पैड का महत्व व प्रयोग के बारे में बताया गया ।
सैनिटरी नैपकिन क्या है? औऱ इसकी जरूरत महिलाओं को क्यों पड़ती है? क्यों सेनेटरी पैड हर महिला के लिए जरूरी है ?
वह खुद को बीमारियों से कैसे दूर रख सकती हैं उसके बारे में समझाया गया। सेनेटरी पैड को कैसे यूज करते हैं और उसका हमारी जिंदगी में कितना महत्व है इस बारे में खुलकर महिलाओं के साथ चर्चा की गई
भारत में खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और किशोर बालिकाओं के बीच मासिक धर्म को लेकर कई सारी भ्रांतियां और समस्याएं हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के दूसरे सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में मासिक धर्म से प्रभावित लगभग 35 करोड़ महिलाएं हैं। इनमें से 23 प्रतिशत किशोर बालिकाएं इस वजह से स्कूल छोड़ देती हैं। हैरानी की बात ये है कि सिर्फ 12 प्रतिशत महिलाएं ही सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं। वहीं 10 फीसदी लड़कियों का मानना है कि मासिक धर्म कोई बीमारी है।
ये प्राकृतिक प्रक्रिया अपने साथ कई सारी समस्याएं भी लेकर आती है। मासिक धर्म के दौरान अगर सही से रखरखाव और साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए तो कई तरह की गंभीर समस्याएं जन्म ले सकती हैं।