Home ताज्या बातम्या कोरोना से मुसलमानो का नाम जोड़े जाने पर उद्धव सख्त, दिया बड़ा बयान

कोरोना से मुसलमानो का नाम जोड़े जाने पर उद्धव सख्त, दिया बड़ा बयान

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मुंबई। दिल्ली के निजामुद्दीन मर्कज़ में लॉकडाउन के दौरान आयोजित किये गए तब्लीगी जमात के कार्यक्रम के बाद कुछ न्यूज़ चैनलों ने सीधे तौर पर कोरोना संक्रमण फैलने के लिए देश के मुसलमानो को सीधा निशाना बनाना शुरू कर दिया।वहीँ देश के एक राजनैतिक दल के आईटी सेल द्वारा सोशल मीडिया साइट्स ट्विटर पर फेसबुक पर तरह तरह के भ्रामक ट्रेंड चलाकर कोरोना संक्रमण फैलने के लिए देश के मुसलमानो को ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश की जा रही है।इस सब के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना संक्रमण के लिए देश के एक समुदाय विशेष के लोगों को ज़िम्मेदार ठहराने वालो के खिलाफ सख्त रुख दिखाया है।उद्धव ठाकरे ने अपने प्रदेश के लोगों को चेताते हुए कहा कि कोरोना वायरस और सांप्रदायिक वायरस दोनों एक समान खतरनाक हैं, इसलिए कोई मजाक में भी समाज के बीच गलत संदेश ना भेजें।उद्धव ठाकरे ने कहा कि दिल्ली में जो कुछ हुआ, हम नहीं चाहते कि वैसा कुछ महाराष्ट्र में हो. पहले उन्हें मरकज के लिए अनुमति मिली थी लेकिन बाद में स्थिति को देखते हुए इनकार कर दिया गया। हमने भी अपने अधिकारियों से दिल्ली (मरकस) से वापस आए लोगों को ट्रेस करने को कहा था और नतीजा हमारे सामने है. सब के सब हमारी जानकारी में हैं।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगले आदेश तक किसी तरह के कार्यक्रम या इवेंट का आयोजन नहीं किया जाएगा। किसी तरह का कोई त्योहार नहीं मनाया जाएगा, जिसमें भीड़ इकट्ठा हो। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल के बाद के हालात को देखते हुए फैसला लेंगे कि आगे क्या करना है। मौजूदा समय में महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम ठाकरे ने शाहरुख खान की तारीफ करते हुए कहा कि इस मुश्किल घड़ी में बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान ने भी अपने दफ्तर की जगह देने की बात कही है। मदद के लिए बहुत से होटल और अन्य लोग आगे आ रहे हैं।

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के लोगों से कहा कि जब 24 घंटे दूध और राशन की दुकानें खुली ही हैं तो फिर अनावश्यक रूप से भीड़ लगाने की जरूरत ही क्या है। प्रवासी मजदूरों के महाराष्ट्र में रुके होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ‘किसी को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है. अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे राज्य से भी है तो चिंता की कोई बात नहीं है. हमलोग उनका ख्याल रखेंगे।’

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के लिए ट्विटर पर मुसलमानो को निशाना बनाने वाले ट्रेंड चलाये जाने पर अमेरिका ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका के विशेष राजदूत सैमुअल ब्राउनबैक ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘अमेरिकी प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे मामले देखे हैं जिसमें इस बीमारी के लिए अल्पसंख्यक समुदाय को आरोपित किया जा रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘सरकार को इस मामले में स्पष्ट करना चाहिए कि जमात के लोग कोरोना के श्रोत नहीं हैं। हम जानते हैं कि यह एक महामारी है जिससे पूरा विश्व जूझ रहा है। इसका धार्मिक अल्पसंख्यकों से कोई लेना देना नहीं है लेकन दुर्भाग्य से मैं इस तरह का आरोप लगता देख रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे को संबोधित करेगी और लोगों के सामने सख्ती से अपनी बात रखेगी।’