Home समाचार ग्रेट-समाचार पालघर लिंचिंग वीडियो में क्या सच में ‘शोएब बस’ सुनाई दे रहा था? जानें महाराष्ट्र सरकार का जवाब

पालघर लिंचिंग वीडियो में क्या सच में ‘शोएब बस’ सुनाई दे रहा था? जानें महाराष्ट्र सरकार का जवाब

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महाराष्ट्र के पालघर जिले में बीते दिनों भीड़ द्वारा चोर समझकर साधुओं की पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई कि साधुओं की हत्या करने वाले मुस्लिम हैं, क्योंकि वीडियो में ‘शोएब बस’ की आवाज सुनाई दे रही है। मगर महाराष्ट्र सरकार ने इन दावों को खारिज किया है और कहा कि इस घटना में मुस्लिमों का कोई लेना-देना नहीं है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि पालघर मॉब लिंचिंग मामले में अब तक 101 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इनमें से एक भी मुस्लिम नहीं है। साथ ही उन्होंने इस वीडियो पर कहा कि लोगों ने ‘ओए बस’ की आवाज को ‘शोएब बस’ समझकर फैलाया।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मुस्लिमों द्वारा साधुओं के मारे जाने के दावे और वीडियो में ‘शोएब बस’ की आवाज वाले दावे को गृहमंत्री ने खारिज किया और कहा कि वीडियो में ‘शोएब बस’ नहीं, बल्कि ‘ओए बस’ बोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि वीडियो में एक आवाज सुनाई दी ‘ओए बस’, मगर कुछ लोगों ने इसे ‘शोएब बस’ समझ लिया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के सभी तंत्र कोविड-19 महामारी से लड़ रहे हैं और कुछ लोगों ने इस मामले में सांप्रदायिक एंगल देने की कोशिश की।

दरअसल, पालघर मॉब लिंचिंग मामले पर हर तरह की अटकलों और अफवाहों को खारिज करते हुए फेसबुक के जरिए गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस मामले में 101 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और उनमें से एक भी मुस्लिम नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर इस पर राजनीति करने और सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। 

फेसबुक के माध्यम से अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि पालघर मामले पर सांप्रदायिक राजनीति हो रही है। बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं। यह राजनीति करने का समय नहीं है, बल्कि मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का वक्त है। उन्होंने कहा कि सीआईडी के एक विशेष आईजी स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। मगर मैं यह बताना चाहूंगा कि पुलिस ने क्राइम के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया। हम आज व्हाट्सएप्प के जरिए आरोपियों के नाम जारी कर रहे हैं, उस सूची में कोई मुस्लिम नहीं है।