नवजात पोते के दूध के लिए 80 साल की दादी ने बेच दी जमीन.. बोलीं- मुझे अपनी परवाह नहीं

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NEW DELHI: आज जमाना जरा बदल गया है। बच्चे अपने मां बाप को घर से निकाल देते हैं। दादा दादी को पूछते तक नहीं। लेकिन गुमला में 80 साल की एक दादी ने पोते के दूध के लिए अपनी जमीन बेच दी। दरअसल, बेटे- बहू की मौ’त के बाद दादी पर दूधमुहे पोते की जिम्मेदारी आ गई। पोता कु’पोषित था। इसलिए उसको कु’पोषण से बाहर निकालने के लिए दादी ने अपनी जमीन बेच दी और दूध का खर्च चलाया। पोता अब स्वस्थ है।

दादी कलारा कुल्लू ने कहा, ‘मुझे अपनी परवाह नहीं है। पोते को जिंदा रखने के लिए जमीन बेच दी। जो भी पैसे आए, उससे दूध का खर्च चल रहा है। आगे के लिए कहीं से कोई मदद मिल जाती तो अच्छा होता। मैं उम्र के अंतिम पड़ाव पर हूं। आगे इसको कौन देखेगा। इसको लेकर चिंतित हूं।’

झारखंड के रायडीह थाना क्षेत्र के सनियाकोना गांव की रहने वाली कलारा कुल्लु ने कुछ महीने पहले बेटे को खो दिया। फिर कुछ दिन बाद पोते को जन्म देने के दौरान बहू की भी मौ’त हो गई। इसके बाद नवजात पोते की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई। घर में पोते के दूध के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए दादी ने अपनी थोड़ी बची जमीन बेच दी। फिलहाल पोता गुमला सदर अस्पताल के कु’पोषण केंद्र में भर्ती है। बताया जाता है कि पहले वह कुपोषित था, लेकिन अब स्वस्थ है।

कुपोषण केंद्र की प्रभारी नर्स की मानें तो जब दादी अपने पोते को लेकर यहां आई थीं, तब बच्‍चे की स्थिति काफी खराब थी। लेकिन, अब बहुत सुधार हुआ है। कुपोषण केन्द्र से निकलने के बाद बाल कल्याण समिति की ओर से बच्चे के पालन- पोषण की व्यवस्था की जाएगी।

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