नई दिल्ली: इंसेफेलाइटिस बिहार में तांडव कर रहा है। मुजफ्फरपुर में इस चमकी बुखार से अब तक मरने वालों की संख्या 117 हो गई है। एसकेएमसीएच में 98 और केजरीवाल अस्पताल में 19 मौतें हो चुकी हैं। यह संख्या दिनों दिन बढ़ता ही जा रही है। इस बुखार के प्रकोप ने सरकारी तंत्र की कलई खोल दी है। देश के अलग अलग जगहों से सामाजिक सरोकार से जुड़े आम लोग मदद के लिए मुजफ्फरपुर आये हैं और यह कारवां बढ़ता ही जा रहा है।
इस बीच दिल्ली सरकार ने बिहार में चमकी बुखार (Encephalitis) से हुए बच्चों की मौत के मामले में बिहार सरकार को मदद करने की पेशकश की है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली सरकार बिहार सरकार को इस विषम परिस्थिति में हर संभव मदद करेगी। बिहार सरकार को जिस तरह की भी मदद की जरूरत होगी चाहे वो डॉक्टर, दवाइयां, एंबुलेंस या जिस तरह की भी जरूरतें हो, वह बिहार सरकार को देने के लिए तैयार है।
बता दें कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के कारण बिहार में मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब तक यहां 117 बच्चों की जिंदगियां दम तोड़ चुकी हैं। मुजफ्फरपुर स्थित उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (SKMCH) में इंसेफेलाइटिस से सर्वाधिक बच्चों की मौत हुई है। यहाँ बीमार बच्चों के आने का सिलसिला जारी है।
ज्ञात हो की बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार से जब पत्रकार इस मामले में सवाल पूछने पहुंचे तो मुख्यमंत्री ने जबाब देने के बजाय गाड़ी का शीशा चढ़ा लिया था।पत्रकार उनसे सवाल पूछते रहे, लेकिन मुख्यमंत्री उनके सवालों से बचते रहे। पत्रकार उनके पीछे-पीछे भागते रहे, लेकिन नीतीश कुमार कार के शीशे बंद कर चलते बने थे।
बिहार के इस त्रासदी पर सरकारी तंत्र के फेल होने और जब बच्चों की जिंदगी की जंग में दवाएं बेअसर हो रही हैं और उनकी असामयिक मौत हो रही हैं तब अब लोग भगवान से दुआ कर रहे हैं।