वैश्विक एवं घरेलू मोर्चे पर बाजारों में गिरावट के कारण अगस्त के पहले दो सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय पूंजी बाजार से 2,881 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने एक और दो अगस्त की अवधि में शेयर बाजार से 2,632.58 करोड़ रुपये निकाले जबकि ऋण या बांड बाजार से 248.52 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह उन्होंने कुल 2,881.10 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की।
इससे पहले एफपीआई ने 1-31 जुलाई के बीच भारतीय पूंजी बाजार (शेयर और बांड दोनों) से 2,985.88 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा, ”एफपीआई ने निवेश से ज्यादा निकासी की है क्योंकि अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध फिर से तेज हो रहा है। इससे निवेशकों की धारणा कमजोर है।”
उन्होंने कहा, ”अमेरिका में फेडरल रिजर्व की ओर से दरों में कटौती की घोषणा के बाद भ्रम पैदा करने वाली प्रतिक्रियाओं से अनिश्चितता और बढ़ गयी है।”
एफपीआई जनवरी को छोड़कर 2019 की पहली छमाही में शुद्ध आधार पर निवेशक बने रहे। जून में एफपीआई ने भारतीय पूंजी बाजार (शेयर एवं बांड) में 10,384.54 करोड़ रुपये का निवेश किया था। मई में उन्होंने 9,031.15 करोड़ रुपये, अप्रैल में 16,093 करोड़ रुपये, मार्च में 45,981 करोड़ रुपये और फरवरी में 11,182 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
विशेषज्ञों का कहना है कि आम बजट में न्यास के रूप में पंजीकृत एफपीआई पर ऊंचे कर की घोषणा के बाद से यह सिलसिला टूट गया और अब वे बिकवाली कर रहे हैं।