बलरामपुर: परिवार और समाज के बेहतर कल के लिए महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। चाहे घर की दहलीज पार कर पुरूषों के मुकाबले घर चलाना हो या घर में रहकर समझदारी से परिवार का पालन पोषण करना हो, महिलाएं कहीं भी पीछे नहीं हैं। जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान 1601 ‘‘अंतरा’’ अपनाकर महिलाओं ने ही जिले के स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश के टाप टेन की सूची में जगह दिलाई है। पुरूषों के मुकाबले महिलाएं परिवार को नियोजित करने में अब महत्वपूर्ण योगदान दें रहीं हैं।
मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने बताया कि जिले में 11 से 31 जुलाई तक चलने वाले जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान सभी सीएचसी, पीएचसी, संयुक्त जिला चिकित्सालय, जिला मेमोरियल चिकित्सालय और जिला महिला चिकित्सालय में परिवार कल्याण परिवार नियोजन स्टाल लगाये गये, जहां पर महिलाओं और पुरूषों ने भारी संख्या में गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, माला एन, कंडोम, कापर टी आदि सेवाओं का लाभ लिया। जिले के सीएचसी, जिला महिला व पुरुष चिकित्सालय में विशेष नसबंदी शिविर का भी आयोजन किया गया था जिसमें पुरूषों के मुकाबले महिलाओं ने अपनी इच्छा से सेवाओं का लाभ लिया। पखवाड़ा समाप्त होने के बाद प्रदेश द्वारा पांच बिन्दुओं पर की गई रैंकिंग में अंतरा का लाभ दिलाने के मामले में जिले को 10वां स्थान मिला है, जो कि मंडल में परिवार नियोजन के साधन अपनाने के मामले में पहला स्थान है।

जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ तुलसीदास तिवारी ने बताया कि 31 जुलाई तक मनाए गये जनसंख्या स्थिरता पखवारे के दौरान जिले में 1601 अंतरा इंजेक्शन का लाभ महिलाओं ने लिया है जबकि 1136 प्रसव पूर्व काॅपर टी, 376 प्रसव पश्चात काॅपर टी, 66 महिलाओं ने नसबंदी और एक पुरूष ने नसबंदी का लाभ लिया है। जिले में ब्लाकवार रैंकिंग की बात करें तो नसबंदी में 14 महिला और एक पुरूष नसबंदी की सेवा देकर श्रीदत्तगंज ब्लाक पहले स्थान पर है। 266 प्रसव पूर्व काॅपर टी और 96 प्रसव पश्चात काॅपर टी की सेवा देकर रेहरा बाजार प्रथम स्थान पर है और 300 अंतरा इंजेक्शन की सेवाएं देकर श्रीदत्तगंज ब्लाक ने जिले को प्रदेश की सूची में स्थान दिलाकर महती भूमिका निभाई है।

आप भी जानिए क्या है अंतरा इंजेक्शन और उसके लाभ
महिलाओं के लिए एक आधुनिक एवं अस्थायी तिमाही गर्भ निरोधक साधन है। अंतरा की सेवा देने से पहले प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा जांच की जाती है। लंबे समय तक गर्भ से बचाव के लिए इसको हर तीन महीने पर लगवाना चाहिए। दूध पिलाती मां प्रसव के 6 सप्ताह बाद अंतरा अपना सकती हैं, इससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जो महिलाएं गर्भ निरोधक गोली नहीं खा सकतीं वे इसका इस्तेमाल कर सकतीं हैं। इससे संबंध बनाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती और कुछ मामलों में ये माहवारी के दौरान होने वाली ऐठन को भी कम करता है। वे दंपत्ति जिनका परिवार अभी पूरा नहीं हुआ है और दो बच्चों मे अंतर रखना चाहते हैं, इसका लाभ ले सकते हैं। अनचाहे गर्भधारण से बचने के लिए व प्रसव पश्चात, बच्चे को दूध पिलाने वाली माताएँ 6 सप्ताह बाद तिमाही गर्भ निरोधक अंतरा इंजेक्शन लगवा सकती हैं। ऐसी महिलायें जिन्होंने पहली बार तिमाही गर्भ निरोधक अंतरा इंजेक्शन लगवाया है, उन्हे निःशुल्क टोल फ्री नंबर 1800 103 3044 पर फोन करके अपना नाम पंजीकृत करवाना होता है जिससे समय-समय पर अंतरा इंजेक्शन संबंधी परामर्श की सुविधा उन्हे मिलती रहे।