Makar Sankranti 2020: इस महीने कई पर्व मनाए जाएंगे। आज पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। पौष मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन सुदर्शन चक्रधारी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है इसलिए इसे पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है।
लोहड़ी पर होती है प्रकृति की पूजा: लोहड़ी सिख, पंजाबी समुदाय का प्रमुख त्यौहार है। लोहड़ी मकर सक्रान्ति के पहले आता है। इस बार 13 जनवरी को है। लोहड़ी फसलों की कटाई पर प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए मनाई जाती है।
मकर संक्रान्ति 15 को: सूर्य का मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर जाना उत्तरायण कहलाता है। शास्त्रानुसार उत्तरायण देवताओं का दिन है। सूर्य के मकर राशि के प्रवेश को मकर संक्रान्ति कहते हैं। इस दिन स्नान, सूर्य उपासना, जप , अनुष्ठान, दान-दक्षिणा का महत्व है। काले तिल, गुड़, खिचड़ी, कम्बल आदि के दान का विशेष महत्व है। इस अवसर पर पवित्र नदियों एवं गंगा सागर में मेला लगता है ।
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के अनुसार इस बार 14 जनवरी को रात्रि में सूर्य उत्तरायण होंगे। रात्रि में 2.22 पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, चूंकि संक्रान्ति सूर्यास्त के बाद होगी, इसलिए पुण्यकाल सूर्योदय से 15 जनवरी को सायंकाल 5:34 बजे तक रहेगा। ऐसे में संक्रांति का दान और स्नान का महत्व 15 तारीख को माना जाएगा।
गत 16 दिसम्बर 2019 से खरमास शुरू हो जाने के कारण इस समय विवाह आदि मांगलिक कार्य बन्द हैं। 15 जनवरी को मकर संक्रान्ति के बाद से मांगलिक कार्य की शुरुआत हो सकेगी। इसके उपरांत 14 मार्च से 13 अप्रैल 2020 तक सूर्य मीन राशि में रहेगा। इस समय भी मांगलिक कार्य नहीं होंगे। विद्वानों के अनुसार इस वर्ष में 79 से अधिक विवाह मुहूर्त मिलेंगे। एक जुलाई से देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारम्भ होने के कारण चार माह तक विवाह आदि कार्य नहीं होंगे।
चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा होगी
संकष्ट चौथ व्रत (तिलवा) त्यौहार माघ के कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाता है। इसे तिलकुटा चौथ भी कहते हैं। सकट चैथ व्रत संतान की लम्बी आयु के लिये किया जाता है। यह पर्व 13 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन संकट हरण गणपति गणेशजी का पूजन होता है। माताएं इस दिन व्रत रखकर