कांग्रेस की रणनीति: अनुच्छेद 370 हटाने का नहीं, अब इसे खत्म करने की प्रक्रिया का करेगी विरोध

- Advertisement -

अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस ने अपने रुख में बदलाव किया है। पार्टी अब अनुच्छेद 370 का नहीं, उसे हटाने की प्रक्रिया का विरोध करेगी। कांग्रेस कार्यसमिति की मंगलवार देर शाम हुई बैठक में इसको लेकर एक प्रस्ताव भी पारित हुआ। 

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर पार्टी में मतभेद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी उभर कर सामने आए। कार्यसमिति की बैठक में युवा नेताओं ने फैसले लेने में जनभावनाओं का ख्याल रखने की बात की। वहीं, वरिष्ठ नेताओं की दलील थी कि पार्टी अपने पुराने वादों को दरकिनार नहीं कर सकती है। हालांकि, अनुच्छेद 370 पर पार्टी से अलग-अलग राय को देखते हुए सीडब्लूसी में पारित प्रस्ताव में सभी की भावनाओं को शामिल करने के लिए कुछ बदलाव भी किए गए।

सवा तीन घंटे तक चली सीडब्लूसी की बैठक में इस मुद्दे पर लंबी बहस हुई। पार्टी में राय बंटी हुई थी। सीडब्लूसी की सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने भी अपनी बात रखी। दीपेंद्र हुड्डा पहले ही निजी तौर पर सरकार के रुख का समर्थन कर चुके हैं। वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक से कुछ देर पहले ही अनुच्छेद 370 को खत्म करने को राष्ट्रहित में लिया गया फैसला करार देते हुए इसका समर्थन किया था। 

पार्टी ने फिर बुलाई बैठक

अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर पार्टी में अलग अलग राय को देखते हुए कांग्रेस एक रूख तय करने की कवायद शुरू कर दी है। पार्टी ने शुक्रवार को सभी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्ष और सांसदों की एक बैठक बुलाई है, ताकि इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जा सके। 

सियासी पहलू देखें 

जम्मू-कश्मीर पर पार्टी की मुश्किल बयान करते हुए आरपीएन सिंह ने कहा कि  कश्मीर पर तकनीकी तौर पर हम सही हो सकते हैं, पर लोगों के बीच क्या कहें। उन्होंने कहा कि हमें तकनीकी पहलुओं के साथ सियासी पहलुओं पर भी विचार करना चाहिए।

हस्तक्षेप मंजूर नहीं 

बैठक में लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर भी चर्चा हुई। कई सदस्यों ने इस पर ऐतराज जताया।  इसके साथ प्रस्ताव में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और चीन के कब्जाएं हुए हिस्से को लेकर अंश जोडे गए। साथ ही कहा गया कि इसमें किसी बाहरी पक्ष का हस्तक्षेप मंजूर नहीं है।
 

- Advertisement -