‘ना तोड़ें सोशल डिस्टेंसिंग’, PM मोदी के संदेश की 10 बड़ी बातें

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देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अप्रैल की सुबह देशवासियों के लिए अपना वीडियो संदेश जारी किया है. इस दौरान उन्होंने कहा, ”कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज 9 दिन हो रहे हैं. इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव दोनों का परिचय दिया है वो अभूतपूर्व है. शासन, प्रशासन और जनता ने इस स्थिति को अच्छे ढंग से संभालने का पूरा प्रयास किया है.”

PM मोदी के वीडियो संदेश की 10 बड़ी बातें

  1. आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है
  2. ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने-अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है
  3. हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है. इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए
  4. सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है. सोशल डिस्टेंसिंग को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है. कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है
  5. हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है, जो इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, हमारे गरीब भाई-बहन उन्हें कोरोना संकट से पैदा हुई निराशा से आशा की तरफ ले जाना है
  6. इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है
  7. इस रविवार 5 अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है.
  8. इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है. घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं और उस समय अगर घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का एहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा
  9. मेरी एक और प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है. रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है
  10. हमारे यहां कहा गया है- उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥ यानी हमारे उत्साह, हमारी स्प्रिट से बड़ी फोर्स दुनिया में कोई दूसरी नहीं है
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