तंग खजाने की वजह से हाथ बंधे होने के बावजूद केंद्र सरकार ने आंतरिक सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (अर्धसैन्य बल) का बजट सात हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ाया है। वर्ष 2019-20 में सात सशस्त्र बलों सहित दिल्ली पुलिस, प्रशिक्षण,अपराध विज्ञान आदि को मिलाकर 83 हजार 527 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था। इस बार इसे बढ़ाकर 90 हजार 711 करोड़ रुपए कर दिया गया है। पिछली बार की तुलना में कुल बजट बढ़ोत्तरी आठ फीसदी से कुछ ज्यादा है। हालांकि पिछले बार के संशोधित अनुमान से तुलना करने पर बढ़ोत्तरी दो फीसदी के आसपास ही है।
सीआरपीएफ को सबसे ज्यादा
नक्सल इलाके व आंतरिक सुरक्षा के सबसे अहम किरदार सीआरपीएफ का सुरक्षा बलों में सबसे ज्यादा बजटीय आवंटन है। सीआरपीएफ को 26259.41 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पिछली बार के मूल बजट की तुलना में करीब दो 2296 करोड़ रुपए बढ़ाए गए हैं। एनएसजी को करीब सत्तर करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। एनएसजी के बजट में संशोधित अनुमान की तुलना में करीब सौ करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। क्योंकि एनएसजी का बजट पिछली बार संशोधित अनुमान में कुछ कम कर दिया गया था।
1300 करोड़ बढ़ा बीएसएफ का बजट
सीमा पर पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ रोकने और बांग्लादेशी घुसपैठियों पर नकेल कसने में जुटे सीमा सुरक्षा बल का बजट इस बार करीब 1300 करोड़ रुपए बढ़ाया गया है। हालांकि, सुरक्षा बल ने अपनी जरूरतों का लंबा चौड़ा खाका पेश किया हे। इस बढ़ोत्तरी में सुधारों के साथ सुरक्षा बल को आधुनिक उपकरणों से लैस करना व कैडर रिब्यू को लागू करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
आईटीबीपी का भी बढ़ाया
आईटीबीपी का बजट पिछले साल के मूल बजट आवंटन की तुलना में करीब 500 करोड़ रुपए बढ़ाया गया है। लेकिन संशोधित अनुमान की तुलना में यह बजट करीब 100 करोड़ रुपए कम है। जानकारों का कहना है कि जरूरत के मुताबिक मूल आवंटन को संशोधित अनुमान में बदला जा सकता है। गृहमंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों का बजट मौजूदा जरूरतों के मुताबिक पर्याप्त है। इसे जरूरत के मुताबिक बढ़ाया जा सकता है। देश के हवाई अड्डों व महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करने वाल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का बजट करीब एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ा है।
असम राइफल्स को पिछले बार की तुलना में करीब साठ करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। सशस्त्र सीमा बल को पिछले बार के मूल आवंटन से इस बार करीब नौ सौ करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। संशोधित अनुमान से तुलना करने पर एसएसबी के मद में यह बढ़ोत्तरी 67 करोड़ रुपए के आसपास ही हे। अपराध विज्ञान व फोरेसिंक साइंस का बजट एक करोड़ रूपए के करीब बढ़ा है।